उत्तराखण्ड के आदि निवासी-ः अभी तक के अध्ययन से स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड में मानव निवास के साक्ष्य प्रागैतिहासिक काल से प्राप्त होते है। जिनका इतिहासकारों ने विभिन्न उल्लेखन किया है परन्तु विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर मैं निम्न विवरण उपलब्ध करा रहा हूँ-
1.किरात-ः जॉर्ज गियर्सन के अनुसार के अनुसार उत्तराखण्ड की प्राचीनतम जाति किरात थी।
किरातों के सम्बन्ध में निम्न साक्ष्य उपलब्ध है-
✓किरात प्रजाति के अन्य नाम किर तथा किन्नर या किरपुरूष मिलते है।
✓पुराणों में गंगा, पार्वती, दुर्गा को किराती कहा गया है।
✓किरात शब्द की उत्पत्ति ‘‘कृ + अत‘‘ शब्द से हुई है जो संस्कृत शब्द का अंतिम शब्द है।
✓महाभारत के वन पर्व तथा भीष्म पर्व में उत्तराखण्ड में किरात जाति का उल्लेख मिलता है।
✓किरात मुख्य रूप घुमक्कड़,आखेटक व पशुचारक थी। इनका मुख्य खाद्य सत्तू था।
✓वर्तमान में ये हरिजन व शिल्पकार नाम से जाने जाते है।
✓मेगस्थनीज की पुस्तक इंडिका में चौथी सदी ई.पू. इस क्षेत्र में किरातों का साक्ष्य उल्लेखित है।ए
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नोट-ः इतिहासकार शिवप्रसाद डबराल उत्तराखण्ड की मूल जाति कोल या मुण्ड जाति को मानते है किन्तु प्रमाणिकता की कमी के कारण यह तथ्य मान्य नहीं होता।
2.कोल-ः विभिन्न स्थानीय नामों में ता, दा, गढ़, गाढ़ होने से डॉ. डबराल ने इन्हें मूल जाति माना है।
✓साहित्यिक ग्रन्थों में कोलों का वर्णन मुण्ड या शवर नाम मिलता है।
✓ये आदम जाति के कृषि व्यवसायी लोग थे।
✓आदम जातियों की भांति के समान प्रकृति पुजारी थे।
3.खस-ः खसों को आर्यों का वंशज माना गया हैं।
✓राजशेखर की पुस्तक ‘‘काव्यमिमांशा‘‘ में कार्तिकेयपुर के शासक खसपति का उल्लेख किया गया है।
✓बंगाल के पाल शासकों के अभिलेखों में अशोक-चल्ल नामक राजा व क्षेत्र को खसादेश कहा गया है।
✓वृहतसंहिता में खसों को तंगा कहा गया है।
✓खस जाति गुप्तकालीन थी।
✓खसों में प्रचलित सामाजिक प्रथाएं-
क. घर-जवाईं-ः
ख. जेठों-ः ज्येष्ठ पुत्र को उत्तराधिकारी
ग. टेकुवा-ः विधवाओं का पराये मर्दों से सम्बन्ध
घ. देवदासी प्रथा-ः घर की बड़ी पुत्रियों को मंदिरों में समर्पित करना।
4. शक जाति-ः शक पश्चिमी एशिया से आई हुई अश्वपालक जाति थी।
✓इतिहासकार राहुल सांस्कृत्यान के अनुसार खश व शक समान जातियां थी खस ही अपभ्रंश होकर शक बना।
✓उत्तराखण्ड से प्राप्त इनके अराध्यदेव सूर्य के मंदिरों से इस जाति के साक्ष्य प्राप्त होते है
लेख संजोया-: भगवान धामी सम्पर्क-: 8791333472
स्रोत-:
1. उत्तराखण्ड का राजनैतिक इतिहास Dr. अजय रावत
2. उत्तराखण्ड का राजनैतिक व सामाजिक इतिहास- घनश्याम जोशी
3. केशरीनंदन त्रिपाठी
4. राजेंद्र सिंह बलुदी
5. यशवंत सिंह कठौच
6. जवाहर उत्तरांचल कोष
7. मेरा पहाड़ फोरम
8. हिमालयी राज्य सन्दर्भ कोष जय सिंह रावत
9. उत्तराखण्ड हिमालय विकास नौटियाल
10. उत्तराखण्ड औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था त्यागी/जुयाल
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